*👉आगे......अलंकार धारण करने से देवता की तरंगें ग्रहण कर पाना*
*🤝बने रहिए रोज जीवन के कुछ अनमोल सूत्र, सनातन के अनमोल वचन आप तक समिति द्वारा पहुँचाये जाए।
*♦️२. अलंकारों द्वारा तेजस्विता एवं प्रसन्नता प्रदान होना*
अलंकारों के स्पर्श से देह की चेतना जागृत होती है । चेतना से देह में सजगता आती है । सजगता से देह सात्त्विक तेजरूपी तरंगें ग्रहण कर संवेदनशील बनता है । इस संवेदनशीलता से ही तेजस्विता आती है । तेजस्विता से देवत्व आता है एवं देवत्व से प्रसन्नता आती है । प्रसन्नता से आनंदरूप ईश्वरीय तत्त्व का बोध होता है । ईश्वरीय तत्त्व के आकलन से मोक्ष प्राप्त हो सकता है
*♦️३. तारक एवं मारक तत्त्व*
मुखमंडल का तथा दमकनेवाले अलंकारों का आह्लादयुक्त तेज वायुमंडल के रज-तमात्मक कणों का नाश करता हैै, इसलिए वह तारक अर्थात देवत्व प्रदान करनेवाला है और मारक अर्थात अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करनेवाला है
*♦️४. सौंदर्यवृद्धि के लिए अलंकार उपयुक्त*
मनुष्य को अपनी देह के प्रति आसक्ति रहती है । देह को सजाने के लिए अर्थात अपने सौंदर्य में वृद्धि करने के लिए अलंकार धारण किए जाते हैं।
Excellent
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