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Monday, August 31, 2020

धर्म शास्त्र में स्नान के चार प्रकार

 


सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए हैं।


*1*  *मुनि स्नान

जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है।

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*2*  *देव स्नान

जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है।

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*3*  *मानव स्नान

जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है।

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*4*  *राक्षसी स्नान

जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।


▶️मुनि स्नान सर्वोत्तम है।

▶️देव स्नान उत्तम है।

▶️मानव स्नान समान्य है।

▶️राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।



किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।

 * मुनि स्नान ....,

👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विद्या, बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।

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*देव स्नान ......

👉🏻 आप के जीवन में यश , कीर्ति , धन वैभव, सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।


*मानव स्नान.....

👉🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगलमय जीवन प्रदान करता है।


राक्षसी स्नान.....

👉🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है।

पांच जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है

1. श्मशान में

2. अर्थी के पीछे

3. शौक में

4. मन्दिर में

5. कथा में

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