ज्ञान माला भाग 4
*चार वाद्य :* तत्, सुषिर, अवनद्व, घन
*पाँच तत्व :* पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु
*पाँच देवता :* गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य
*पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा
*पाँच कर्म :* रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि
*पाँच उंगलियां :* अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा
*पाँच पूजा उपचार :* गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य
*पाँच अमृत :* दूध, दही, घी, शहद, शक्कर
*पाँच प्रेत :* भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस
*पाँच स्वाद :* मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा
*पाँच वायु :* प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान
*पाँच इन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन
*पाँच वटवृक्ष :* सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)