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Saturday, November 28, 2020

भारतेन्दु हरिश्चंद के अनूदित नाटक

 भारतेन्दु हरिश्चंद के अनूदित नाटक  

रत्नावली (1868), 

धनंजय विजय(1873), 

पाखण्ड विडंबन(1872), 

मुद्राराक्षस (1875), 

कर्पूरमंजरी (1876), 

दुर्लभ बंधु (1880), 

विद्यासुन्दर आदि अनूदित नाटक हैं जो संस्कृत, प्राकृत, अंग्रेजी से अनूदित हैं। विद्यासुन्दर रूपान्तरित नाटक है।


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