योग भगाए रोग :वीरभद्रासन है
शरीर को मजबूती देने वाले इस आसन के जानिये लाभ और योग विधि
नाम के रूप में दर्शाया गया है, यह योग मुद्रा आपके शरीर की मूल शक्ति बनाता है और आपकी मांसपेशियों के धीरज को बढ़ाता है। इस मुद्रा का नाम वीरभद्र, एक भयंकर योद्धा, हिंदू भगवान शिव का अवतार के नाम पर रखा गया है।योद्धा वीरभद्र की कहानी, उपनिषद की अन्य कहानियों की तरह, जीवन में प्रेरणा प्रदान करती है। यह आसन हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
*वीरभद्रासन के लाभ*
- छाती और फेफड़ों, कंधे और गर्दन, पेट, ग्राय्न में खिचाव लाता है।
- कंधों, बाज़ुओं, और पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत करता है।
- जांघों, पिंडलियों, और टखनों को मज़बूत करता है और उनमें खिचाव लाता है।
- वीरभद्रासन साएटिका से राहत दिलाता है।
*वीरभद्रासन करने की विधि*
ताड़ासन में खड़े हो जायें।
श्वास अंदर लें और 3 से 4 फीट पैर खोल लें।
अपने बायें पैर को 45 से 60 दर्जे अंदर को मोड़ें, और दाहिने पैर को 90 दर्जे बाहर को मोड़ें।
बाईं एड़ी के साथ दाहिनी एड़ी संरेखित करें।
साँस छोड़ते हुए अपने धड़ को दाहिनी ओर 90 दर्जे तक घुमाने की कोशिश करें।
आप शायद पूरी तरह धड़ ना घुमा पायें। अगर ऐसा हो तो जितना बन सके, उतना करें।
धीरे से अपने हाथ उठाएँ जब तक हाथ सीधा आपके धड़ की सीध में ना आ जायें।
हथेलियों को जोड़ लें और छत की ओर उंगलियों को पॉइंट करें।
ध्यान रखें की आपकी पीठ सीधी रहे। अगर पीठ मुडी होगी तो पीठ के निचले हिस्से में समय के साथ दर्द बैठ सकता है।
अपने बाईं एड़ी को मज़बूती से ज़मीन पर टिकाए रखें और दाहिने घुटने को मोड़ें जब तक की घुटना सीधा टखने की ऊपर ना आ जाए।
अगर आप में इतना लचीलापन हो तो अपनी जाँघ को ज़मीन से समांतर कर लें।
अपने सिर को उठायें और दृष्टि को उंगलियों पर रखें।
कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें।
धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं
90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
जब 5 बार साँस लेने के बाद आप आसान से बाहर आ सकते हैं।
आसन से बाहर निकलने के लिए सिर नीचे कर लें, फिर दाहिनी जाँघ को उठायें, हाथ नीचे कर लें, धड़ को वापिस सीधा कर लें और पैरों को वापिस अंदर ले आयें
आसन को ख़तम ताड़ासन में करें।
दाहिनी ओर करने के बाद यह सारे स्टेप बाईं ओर भी करें।
*वीरभद्रासन में सावधानियां*
उच्च रक्तचाप या दिल की समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति ये आसन ना करें
गर्दन की चोट या वर्तमान में गर्दन का दर्द हो तो आसन से बचे
ये आसन ना करें जब रीढ़ की हड्डी में किसी भी प्रकार की तकलीफ हो।
गर्भवती महिलाओं को इस आसन से फायदा होगा, खासकर यदि वे अपने दूसरे और तीसरे तिमाही में हैं, लेकिन केवल तभी वे नियमित रूप से योग का अभ्यास कर रहे हैं।
Good
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